Saturday, September 5, 2020

पाजी का खेल खत्म

पाजी का खेल खत्म
आजकल मैं एक ऐसी मनोवैज्ञानिक बीमारी से ग्रस्त हूं जिसमें कहने वाला कहता कुछ और है और मैं समझता कुछ और हूं। इसका अर्थ यह नहीं  है कि मैं बेरा हो गया हूं या मुझे सुनाई कम दे रहा है। बल्कि कोविड-19 के कारण गत 4 माह से घर में बगैर किसी अपराध के क़ेदियों जैसी जिंदगी गुजारने के कारण मेरे दिमाग ने अपनी मनमानी करना आरंभ कर दी है। मनमानी के कारण ही  आज  के समाचारपत्र की पहली हेडिंग को मैंने कुछ इस प्रकार पढ़ा-"पाजी का खेल खत्म"। इतना पढ़कर मैं कुछ क्षण के लिए स्तंभ रह गया कि यह कैसे हो सकता है ? पाजी तो ठीक-ठाक थे, कल तक तो वह शांत मन से मोर को दाना खिला रहे थे फिर यह कैसे हो गया ? समाचार के हेडिंग में मुझे कुछ संदेह लगा। मैंने उत्सुकता के साथ विस्तार से समाचार पढ़ना आरंभ किया तो ज्ञात हुआ कि पाजी नहीं बल्कि पबजी लिखा है। जिस को मेरे बीमार दिमाग ने पाजी पढ़ लिया और मैं वह सोचने लगा जिसको सोचने का 138 करोड़ भारतीयों को कोई हक नहीं है। 
यह तो वह  समाचार था जिसको सुनकर चीन भुखला उठा। उसके होश उड़ गए, अर्थव्यवस्था धरा शाही हो गई और वह पाजी के सामने गिड़गिड़ाने लगा। समाचार की  यह वह प्रतिक्रियाएं थीं जो हमको बाद में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बतायीं।
पबजी के बंद होने के ग़म में कुछ लोग यह कहते भी सुने गए की पबजी को पूरे विश्व के 17.5 करोड़ युवाओं ने डाउनलोड कर रखा है। इसमें सर्वाधिक 5 करोड़ से अधिक भारतीय हैं। जिनमें से लगभग 3.5 करोड़ सक्रिय खिलाड़ी थे जो अब पबजी बन्द होने के बाद पुणीता बेरोजगार हो गए हैं।
युवाओं और बच्चों में लोकप्रिय गेमिंग एप प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड यानी पबजी पर सरकार ने पाबंदी लगाने के पश्चात कुछ विद्वानों का यह भी कहना है की सरहदों पर चीन को मुंहतोड़ जवाब हमारे जवान दे रहे हैं और देश की अंदर की सफाई हमारे पाजी कर रहे हैं।
 यह पाजी शब्द भी बड़ा अनोखा है अगर पंजाबी भाषा में प्रयोग हो तो इसका अर्थ भाई होता है जबकि हिंदी भाषी इसका उपयोग चालाक एवं शैतान के तौर पर करते हैं। मैं पंजाबी अर्थ को उचित समझते हुए कहूंगा की पाजी ने 118 एप्स बंद करके जीडीपी वाले मुद्दे को अपने जादुई करिश्मे से गायब कर दिया, यही पाजी का मास्टर स्ट्रोक है। यह नए भारत का उदय है, जो विश्व गुरु है। अंततः मैं नए- नए हुए बेरोजगारों के प्रीति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहूंगा कि वह खेलकूद से बाहर निकलें और मनोरंजक मींम्स देखने के लिए स्वयं को तैयार करें। जो भारतीय होंगे और हमको आत्मनिर्भर बनाने में सहयोगी भी।
-शाहिद हसन शाहिद
   

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