Sunday, January 10, 2021

फेसला देश का

मैं सुबह 5:00 बजे जब घर से सैर करने के लिए निकला तो धुंध इतनी अधिक थी कि हाथ को हाथ नज़र नहीं आ रहा था कुछ अंधेरा भी था। आजकल सूर्य उदय सुबह 7:00 बजे के बाद हो रहा था। अंधेरे और धुंध से लड़ता हुआ जब मैं गार्डन की ओर बढ़ा जा रहा था तब मैंने देखा कि कुछ लोग तेज़-तेज़ क़दमों के साथ वापिस घर की ओर दौड़े जा रहे हैं, इन भागने वालों में खास बात यह थी कि सब के हाथों में शराब की बोतलें थीं, इनमें कुछ लोग ऐसे भी थे जिनके दोनों हाथों और कोट की जेब में भी बोतलें नज़र आ रही थीं। मुझे बड़ी हैरानी हुई कि इतनी सुबह यह लोग इतनी बड़ी संख्या में शराब कहां से ला रहे हैं। तभी मैंने देखा कि उनमें से एक व्यक्ति ने अपने एक साथी को रोक कर उसके कान में कुछ कहा तो वह व्यक्ति भी तेज़ी के साथ सड़क की दूसरी ओर दौड़ने लगा। मैंने दौड़ते हुए उस व्यक्ति को रोकते हुए पूछा- भाई क्या हुआ कहां भागे जा रहे हो? उसने कहा कि हाईवे पर एक्सीडेंट हो गया है वहीं जा रहा हूं। एक्सीडेंट का सुनकर मैं भी स्वयं को रोक नहीं सका और दौड़ाता हुआ हादसे की जगह पहुंच गया। वहां पहुंच कर मैंने देखा कि एक व्यक्ति जो कार चला रहा था वह  
जख्मी अवस्था में ड्राइवर की सीट पर बेहोश पड़ा है। जबकि उसकी कार के चारों पहिये गायब हैं और वह ईंटों से बने प्लेटफार्म पर खड़ी है। मैं कार के जब और ज्यादा करीब पहुंचा तो मैंने देखा कि उसकी ऐसिसरीज़ भी गायब हैं और कार के चारों तरफ शराब की पेटियों के खाली डिब्बे बिखरे पड़े हैं। मैंने जब जख्मी का मुआयना किया तो उसको जीवित पाया। करीब ही एक व्यक्ति को उल्टी करते देखा शायद उसने अपने जीवन में पहली बार किसी व्यक्ति को इतना जख्मी देखा होगा। कुछ लोग इस हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया यह कहते हुए भी सुने गए कि यार सुबह- सुबह मूड खराब हो गया। घायल की स्थिति कुछ ऐसी थी कि उसको अकेले कार से नहीं निकाला जा सकता था। मैंने आगे बढ़ कर लोगों से कहा- आप लोग क्या देख रहे हैं? कुछ लोग मिलकर घायल को निकालते क्यों नहीं यह अभी जिंदा है। मेरी बात सुनकर कुछ लोग यह कहते हुए वहां से खिसक गए कि हम पुलिस के लफड़े में नहीं पड़ना चाहते, सब कुछ तो लोग लूट कर ले गए हैं हम कहां तक जवाब देते फिरेंगे। मैं अकेला उसकी जिंदगी बचाने में असमर्थ था इसलिए मैंने बगैर देर किए लगभग सुबह 6:00 बजे पुलिस को फोन किया और हादसे का पूरा विवरण उनको बताया और यह भी बताया की एक्सीडेंट सड़क किनारे खड़े एक ट्रक से टकरा जाने से हुआ है जो अनुमानुसार लगभग सुबह 4:00 बजे हुआ होगा। मैंने पुलिस को यह भी बताया कि एक व्यक्ति बुरी तरह घायल है जो अभी जिंदा है जिसको फोरी मेडिकल ऐड द्वारा बचाया जा सकता है। मेरी सूचना प्राप्त होने के दो घंटे बाद 13 किलोमीटर का सफर तय करके मुक़ामी पुलिस लगभग 9:00 बजे घटनास्थल पर पहुंची। जरूरी कार्रवाई करने के बाद जब पुलिस 16 किलोमीटर दूर उस घायल को अस्पताल लेकर पहुंची तो उस समय तक घायल दम तोड़ चुका था।
मैं और कुछ लोग पुलिस के साथ सहानुभूति के तौर पर अस्पताल तक गए। पुलिस ने हमारे सामने जब मृतक की तलाशी ली तो उसका पर्स, मोबाइल, हाथ की घड़ी या कोई भी पहचान पत्र ऐसा नहीं मिला जिससे उसकी पहचान हो जाती, तभी साथ गए किसी व्यक्ति ने कहा कि घायल के कपड़े बता रहे हैं कि वह शराब का तस्कर होगा उसकी बात का बाकी लोगों ने भी समर्थन किया फिर उसने अपनी बात पर मोहर लगाते हुए कहा कि ऐसे देशद्रोही का यही अंजाम होना चाहिए।
कपड़ों से हुई इस पहचान और फेसले को सुनकर मैं अपना सर पकड़कर बैठ गया। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे देश को यह क्या हो गया है कि लोग कपड़ों से लोगों को पहचान कर फेसले भी लेने लगे हैं। मेरे दिल में अचानक यह ख्याल आया कि जंगल राज में ऐसा ही होता है। कोई एक बहुबली जंगल का शेर बनकर शिकार करता है फिर उस मरे हुए शिकार को जंगल के दूसरे कमज़ोर जानवर दावत समझकर चट कर जाते हैं। यहां भी ऐसा ही हुआ है। धुंध ने एक इंसान को मार दिया और लोगों ने मरते हुए इंसान की परवाह नहीं की बल्कि उसकी कार का सारा सामान और उसके मालिक को भी लूट लिया। अब मरने वाले के कपड़े देखकर फेसला सुना रहे हैं कि मरने वाला अपने कपड़ों से तस्कर लगता है इसलिए ऐसे लोगों का यही अंजाम होना चाहिए। इन लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर कोई सवाल नहीं खड़े किए और ना ही उन लूटने वालों लोगों की भूमिका पर कुछ कहा जो एक जख्मी को लूट कर जश्न मना रहे थेे बल्कि मरनेे वाले को मुजरिम साबित करके उसके खिलाफ फेसला सुनाने का हौसला दिखा रहे हैं। मैं समझ नहीं पा रहा था कि आखिर इनको कौन भ्रमित कर रहा है। वह कौन फक़ीर है जो लोगों को कपड़ों से पहचानने का यह चमत्कारी मंत्र इनको सिखा रहा है।
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शाहिद हसन शाहिद
70093-16992
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9 comments:

  1. 💯 true
    Yahi mahol h filhaal
    India ka☹️

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  2. बेह्तरीन रचना है hasan साहब mubarakbad

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  3. Beautiful satire sir.....
    Love you
    Tc

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  4. Bahut umda peshkaari,khoobsoorat lafzon mein teekha vyangy,Marvellous.👌👌👌👌shahid ji.

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  5. Jitni bhee tareef ke jayey Janab Shahid sb. Kee wo kam hai. Yehi asliyat hai aaj dunya kee

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  6. घटना का विवरण जानदार है लेकिन समाज के रवैये पर करारा प्रहार है! मन आहत हो उठा है लोगों की सोच पर।

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  7. समाज के बेहिस चेहरे को दिखाती हुई बेहतरीन रचना

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