Wednesday, October 28, 2020

सफेद दाढ़ी

किसी ने मुझसे कहा- तुम्हारी दाढ़ी काफी बड़ी और सफेद हो गई है, तुम इसका फायदा क्यों नहीं उठाते? मैंने उसको हैरत भरी नजरों से देखा....! उसने परवाह ही नहीं की और कहा-पैसा कमाओ इस से, मुझे मत देखो। मैंने हैरत से पूछा- दाड़ी से पैसा किस प्रकार कमाया जा सकता है। दाढ़ी मेरे चेहरे का नूर है, किसी मशीन का पार्ट या हाथ का हुनर नहीं है। जो रोज़ी-रोटी कमाने में सहायक हो। उसने कहा तुम बेवकूफ हो एक अच्छी मासूम सी भोली भाली सूरत लेकर भूखे मर रहे हो, जबकि दाढ़ी बढ़ा कर लोग करोड़ों कमा रहे हैं। तुम्हारी जैसी खूबसूरत दाढ़ी तो क़िस्मत से मिलती है। फायदा उठाओ,इस से जो बहुत आसान है। मैंने उससे कहा- कुछ बताओगे भी या यूं ही ऊल जलूल बातें करते रहोगे। उसने मेरी ना समझी पर तरस खाते हुए कहा- यह दौर सोशल मीडिया का है और मैं देख रहा हूं कि जिन लोगों को दीन (धर्म)के बारे में कुछ भी नहीं मालूम वह भी अपनी बढ़ी हुई दाढ़ियों और कैमरों के सहारे दीन के लिए मॉडलिंग करके मोटी रकमें कमा रहे हैं। किसी माहिर एक्टर की तरह एक्टिंग करते हैं और अपनी रटी रटाई तक़रीर कंप्यूटर से पढ़ कर लोगों को उनकी जिंदगी मैं दीन की अहमियत,शिक्षाएं और इस्लामी क़िस्से, कहानियां सुनाते नज़र आते हैं। उनकी जुबान मैं अरबी,फार्सी के अल्फाज कम इंग्लिश के ज्यादा होते हैं, ताकि लोग उनकी गुफ्तगू पर तव्वजह दें और उनकी दाढ़ी और इंग्लिश के रोब को महसूस करते हुए ज्यादा से ज्यादा लाइक कर सकें।
मैंने सोशल मीडिया पर बहुत से उल्मा को दीन की बातें करते हुए और लोगों को बगैर इंग्लिश अल्फाज के भी गुफ्तगू करते हुए देखा व सुना है। उसने कहा हां देखा होगा सोशल मीडिया पर दीन सिखाने वालों में बहुत से ऐसे भी हैं जो यह कह कर दीन सिखाते नज़र आते हैं कि वह नए-नए मुसलमान बने हैं, उन्हें दीन के बारे में ज्यादा इल्म तो नहीं है। वह मुसलमान बनने से पहले एक मशहूर गायक,खिलाड़ी,डॉक्टर,
लोहार,बढ़ाई,साइंटिस्ट या कोई बड़ेबिजनेसमैन थे। मुसलमान बनने के बाद खुदा ने उनको अचानक ग़ैबी या रूहानी ताकतों से नवाज़ दिया, इस प्रकार वह लोगों को गुमराही से निकालने का काम करते हैं या खुद को उस गुमरही मैं तलाश करके दीन की तबलीग़ करते हैं। मैंने कहा, यहां तक तो ठीक है पर दाढ़ी के जरिए पैसा किस तरह कमाया जा सकता है। उसने कहा- दीन की तबलीग़ से तालुक़ रखने वाले दो तीन वीडियो देख लो तुम्हारी खुद समझ में आ जाएगा। अपने दोस्त की बात मानते हुए मैंने एक वीडियो देखना शुरू किया यह मौलाना मुझे कुछ जाने पहचाने से लगे इसलिए मैंने इनका पूरा वीडियो देखने का फैसला किया। वीडियो जैसे ही शुरू हुआ, तो सब से पहले उस में किसी फास्ट फूड का (ऐड)इश्तेहार नज़र आया जिसको एक महिला उसकी बच्ची इस टेगलाइन के साथ पेश करते नज़र आ रही थी ।
"यही आज की पसंद है, यही जिंदगी का आनंद"। ऐड पूरा होने के साथ ही मौलाना ने अपनी गुफ्तगू का आगाज़ यह फरमाते हुए किया कि हमने इस्लामी रिवायात को छोड़ दिया है। हम फास्ट फूड की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। हम जहां मौका देखते हैं वहां खड़े हो कर इस तैयार खाने को खा लेते हैं।दस्तरख्वान कितने घरों में सजाया जाता है? या हम किन इसलामी सुन्नतों के एहतमाम या एहतराम के साथ खाना खाते हैं? यह सब अब सवाल बनकर रह गए हैं। यह हमारी मा'शरत की तबाही है। अभी वह इस तबाही के दायरे को बढ़ा कर क़ौम को समझाने जा ही रहे थे कि इस्लाम ने जब शराब बंदी कि तब मुसलमानों ने अपने घरों में जमा की गई शराब नालियों में बहा दी थी,क्योंकि अल्लाह के प्यारे रसूल ने फरमाया था की शराब तमाम बुराइयों की जड़ है जो अब तुम पर हराम कर दी गई है। इसका पीना जमा करना या तिजारत करना सब हराम है, तभी एक तिजारती (कमर्शियल) ब्रेक आ गया जिसमें शराब की ऐड दिखाई जा रही थी। इसके बाद फिर मौलाना नज़र आए अब वह पहले से ज्यादा जलाल में थे और समाज में आई तमाम बुराइयों के लिए सीधे तौर पर पूरी क़ौम को कटघरे में खड़ा करके गलया रहे थे।वह पूरी कौम से पूछ रहे थे या यूं कहा जाए कि वह ऐतराज़ कर रहे थे कि समाज के द्वारा अपनाई जा रही आधुनिक जीवन शैली, कुछ नए-नए अपनाए गए रीति-रिवाज,फैशन किस तरह दीनेहक़ का हिस्सा बन गए हैं। वह जवाब तलब कर रहे थे कि यह क्या तरीका है कि हमारे नौजवानों ने अपने पजामे उतार दिए हैं और फटी हुई हाफ पेंट पहनना शुरू कर दी है। तभी उनकी तक़रीर को रोककर सोशल मीडिया द्वारा बाजार को कंट्रोल करने वाले माहिर खिलाड़ियों ने एक बड़े ब्रांड के रेडीमेड गारमेंट्स का ऐड लगा दिया जिसमें कुछ नौजवान लड़के, लड़कियां फटी हुई हाफ पेंट पहनकर मॉडलिंग करते नज़र आए। मैंने मौलाना के ब्यान को यहीं पर रोकते हुए अपने दोस्त से पूछा इसमें पैसा कहां है? यहां तो सिर्फ मज़ाक़ ही मज़ाक है।उसने कहा यह जो ऐड आप देख रहे हैं, यह हजारों और लाखों रुपए की पेमेंट मौलाना को अदा करते हैं। मैंने अपने दोस्त से पूछा इस्लाम में फोटो खिंचवाना हराम है यह बात मुझे याद है, परंतु मौलाना को याद नहीं है। उसने हंसते हुए कहा तो फिर ठीक है,तुम पीएम की तरह दाढ़ी बढ़ाओ और दाढ़ी-दाढ़ी खेल खेलते रहो और एक दूसरे से पूछते रहो कि तुम्हारी दाढ़ी मेरी दाढ़ी से ज्यादा 
सफेद कैसे?
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शाहिद हसन शाहिद
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